प्राथमिक उपचार क्या है , कृत्रिम श्वास किसे कहते है तथा कृत्रिम श्वास की कोन कौन सी विधियॉ है?
प्राथमिक उपचार - किसी बिमार अथवा पिडित व्यक्ति का डॉक्टर के आने पुर्व किया गया इलाज प्राथमिक उपचार कहलाता है।
कृत्रिम श्वास - जब किसी व्यक्ति को विद्युत झटका लगता है तो वह बेहोश हो जाता है इस अवस्था में उसके हृदय की गति कम हो जाती है जिसके कारण उसे श्वास लेने में परेशानी आती है इसके लिए मानव द्वारा निर्मित श्वास प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है जिसे कृत्रिम श्वास कहते है।
कृत्रिम श्वास की विधियॉ
कृत्रिम श्वास की निम्नलिखित विधियॉ है
प्रथम विधि ( शैफर विधि ) - इस विधि का उपयोग तब किया जाता है जब पिडित व्यक्ति की पीठ पर छाले हो गये हो या पीठ वाला हिस्सा विद्युत झटके के कारण जल गया हो ।
द्वितिय विधि ( सिलवेस्टर विधि )- इस विधि का उपयोग तब किया जाता है जब पिडित व्यक्ति की छाती पर विद्युत झटके से घाव हो गये हो या छाती जल गायी हो ।
तृतीय विधि - यह विधि उपरोक्त दोनो विधियों से तेज कार्य करती है इससे पिडित व्यक्ति को तुरन्त राहत मिलती है । यह दो प्रकार की होती है
1 मुह से मुह मे हवा भरना
2 मुह से नाक में हवा भरना
चतुर्थ विधि (नेल्सन प्रणाली या श्वास यंत्र विधि) - इस विधि मे एक श्वास यंत्र का उपयोग किया जाता है । इस विधि का उपयोग तब किया जाता है जब व्यक्ति को श्वास लेने में बहुत ज्यादा परेशानी आ रही हो ।
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